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देहरादून
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कार्यकाल में लगातार सुधर रही समिति और मंदिरों में व्यवस्थाएं
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की कार्यप्रणाली एवं समिति से संबद्ध मंदिरों की व्यवस्थाओं में लगातार सुधार आ रहा है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के कार्यकाल में हो रहे नए बदलाव समिति और मंदिर दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार प्रदेश में धार्मिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बीते सालों में इन प्रयासों का परिणाम भी सामने आने लगा है। बीते साल 2023 में ही करीब 56 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ प्रदेश के चारों धामों में श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं के लिए बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की भी खुलकर तारीफ हो रही है। समिति के प्रवक्ता डॉ हरीश गौड़ ने कहा कि कोरोना काल में पूरे प्रदेश के साथ
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की वित्तीय स्थिति भी डगमगा गयी थी। इसी समय में वर्ष 2022 में प्रदेश सरकार ने अजेंद्र अजय को बीकेटीसी के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। अजेंद्र के नेतृत्व में बीकेटीसी ने नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया और शासन के सहयोग से यात्रा के लिए आवश्यक अवस्थापना विकास से लेकर परिवेश निर्माण तक के कार्यों को गतिमान किया। अजेंद्र के कार्यकाल में आय के नए स्रोतों के समुचित नियोजन से बीकेटीसी का वित्तीय तलपट आशातीत लाभ दर्शाने लगा है। विगत ढाई वर्षों में बीकेटीसी की परिधि में आने वाले अनेक पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की सराहनीय पहल की गई। इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर स्थित विभिन्न विश्राम गृहों के उच्चीकरण के भी अभूतपूर्व कार्य किये गए।
बाबा केदार की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कोठा भवन के जीर्णोद्वार और मंदिर परिसर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण अजेंद्र ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के सहयोग से पांच करोड़ रूपये की लागत से शुरू करवा दिया है जिसके प्रथम चरण के कार्य तेजी से गतिमान हैं।
उधर, वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ धाम में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके श्री ईशानेश्वर मंदिर का निर्माण गत वर्ष एक दानीदाता के सहयोग से एक वर्ष के रिकॉर्ड समय में कराया गया। गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में ध्वस्त हो चुके भैरव मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग क्षेत्रीय जनता करीब एक दशक से उठाती रही है। मगर अजेंद्र के प्रयासों से कुछ माह पूर्व शुरू हुआ मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूरा होने को है। इसके अलावा तुंगनाथ व विश्वनाथ मंदिर की जर्जर हो चुकी छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य भी सम्पन्न कराये गए हैं।
अजेंद्र के कार्यकाल का सबसे चर्चित कार्य केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराना रहा है। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, सिद्धि विनायक, राम मंदिर अयोध्या जैसे तमाम प्रमुख मंदिरों में स्वर्ण मंडित विभिन्न कार्य कराने वाले मुंबई के लाखी परिवार ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को पूरी तरह से स्वर्ण मंडित किया। हालांकि, राजनीतिक कारणों से कुछ लोगों ने इस पर विवाद खड़ा करने की कोशिश की। मगर कुछ लोगों के दुष्प्रचार को नजरअंदाज कर दिया जाए तो वास्तव में बाबा केदार के गर्भगृह की स्वर्णमयी आभा देश-विदेश के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुयी है।
गौड़ ने कहा कि बीकेटीसी में वित्तीय नियोजन एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। अजेंद्र ने वित्तीय पारदर्शिता के लिए समिति में वित्त अधिकारी का पद शासन से सृजित करवा कर एक बड़ा काम किया है। कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है कि बीकेटीसी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों को सम्पादित करने के बावजूद आर्थिक दृष्टि से मजबूत स्थिति में आ गयी है। बीकेटीसी ने वर्तमान यात्राकाल में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश सरकार को भी दस करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की।
बीकेटीसी के इतिहास में पहली बार अजेंद्र ने ही समिति के लिए तमाम गतिरोधों के बावजूद सेवा नियमावली बनायीं। उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था के निर्बाध प्रचालन और कार्य संस्कृति में बदलाव लाने के लिए भी कई प्रयास किये गए। इसमें सबसे प्रमुख निर्णय कार्मिकों का स्थानांतरण था। मंदिर समिति के इतिहास में पहली बार कार्मिकों के स्थानांतरण किये गए। कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उनके मनोबल को बढ़ाने के साथ कार्मिकों को गोल्डन कार्ड सुविधा प्रदान करने जैसे अनेक निर्णय उन्होंने लिए हैं।
सुधारों के क्रम में धामों में दर्शन व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए बीकेटीसी ने अपना सुरक्षा संवर्ग बनाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। इसको सरकार ने स्वीकृति दे दी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिरों में दर्शन व सुरक्षा की कमान बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मियों के पास होगी।
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