बुलंद आवाज़ न्यूज
गौचर
उत्तराखंड को देवभूमि के साथ शहादत की भूमि भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के लगभग हर गांव, मुहल्ले से युवा देश सेवा की भावना को लेकर सेना ने जाता है. जो हर किसी के लिए भावुक पल होता है, लेकिन जब लाल के शहीद होने की सूचना उसके परिवार को मिलती है तो एकाएक उनके सपने चूर होने के साथ पल भर में सब कुछ तहस नहस हो जाता है. ऐसी ही घटना एक बार फिर देवभूमि के दो परिवारों में हुई है.
नारायण बगड़ के बमियाला गांव के थे वीरेंद्र!
दरअसल बृहस्पतिवार को पुंछ जिले के सुरनकोट तहसील में बफलियाज पुलिस स्टेशन मंडी रोड पर आतंकियों ने सैन्य वाहन पर हमला कर दिया था. जिसमें सेना के पांच जवान बलिदान हो गए थे. इसमें उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के दो वीर पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार (29) और चमोली जिले के बमियाला गांव के वीरेंद्र सिंह भी थे. जिसके बाद दोनों की शहादत की खबर गुरुवार देर रात उनके परिजनों को दी. बता दें कि गौतम कुमार की तैनाती 89 आर्म्ड कोर में थी, जबकि वीरेंद्र 15वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे. वीरेंद्र का परिवार रुड़की में रहता है. पहले शहीदों के पार्थिव शरीर को दो दिन पहले उत्तराखंड लाया जाना था, लेकिन कई कारणों से नहीं लाया जा सका था. जिसके बाद आज दोनों के ही पार्थिव शरीर को उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया है.
शहीद वीरेंद्र सिंह 33 चमोली के बमियाला गांव के मूल निवासी थे. उन्होंने अपनी 8 वीं तक की पढ़ाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बमियाला और 9 से 12 वीं जनता इंटर कॉलेज कफोली से की. जिसके बाद वीरेंद्र 2010 में 15 गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए. जिसके बाद पिता सुरेंद्र सिंह और मां दुमली देवी ने बड़े हर्षोल्लास के साथ शशि से उनकी शादी करवाई उनकी दो बेटियां हैं बड़ी बेटी इशिका 5 साल की हैं और छोटी बेटी आयशा 3 साल की. वीरेंद्र के चाचा बताते हैं कि 21 तारीक को उन्होंने शाम 3:30 बजे परिवारजनों से बात की थी और आधे घंटे के भीतर उनकी शहादत की खबर मिलने से पूरा परिवार अपना होश गवां बैठा है.
खुशी के माहौल को शोक में तब्दील होने का नहीं लगा समय!
वहीं पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार (29) के परिजन उनकी शादी की तैयारियों में लगे थे. बीती 30 सितंबर को ही गौतम की सगाई हुई थी और 11 मार्च को उनकी शादी होने वाली थी, लेकिन उनकी शहादत की खबर से शादी की तैयारियों वाले घर में मातम पसर गया.
बलिदानी गौतम कुमार के भाई राहुल कुमार ने बताया कि गौतम वर्ष 2014 में सेना के 89 आर्म्ड कोर में भर्ती हुए थे. वह पिछले दो साल से जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में तैनात थे. एक दिसंबर को ही वह 15 दिन की छुट्टी पर घर आया था और 16 दिसंबर को फिर ड्यूटी ज्वाइन की थी. परिवार शादी की तैयारियों में जुटा था लेकिन अचानक उनके शहादत की खबर सुनकर परिवार सदमे में चला गया है. साथ ही बताते हैं कि दो साल पहले ही उनके पिता का निधन हुआ था परिवार एक सदमे से उभर ही नहीं सका था कि अचानक मां नीलम देवी समेत परिवार के लोगों में शोक की लहर पहुंच गई.
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