बुलंद आवाज़ न्यूज
नारायणबगड़। सिमली (बधाण) गांव में चल रहे पांडव नृत्य के सातवें दिन गैण्डा वध के मंचन को देखने मेलार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। रविवार को पांडव नृत्य के सातवें दिन पांडु पुत्र अर्जुन ने अपने पिता के श्राद्ध के लिए पाताल लोक में नागार्जुन के गैण्डे का वध किया। गैण्डा वध के मंचन को देखने के लिए इस मौके पर आसपास के गांवों से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-दमाऊं के तालों पर पांडव पश्वाओं ने नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर जागर गुरु राजेंद्र सिंह ने पांडवाणी गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
स्थानीय सुशील सती बताते हैं कि पलायन के इस दौर में जहां पहाड़ के अधिकतर गांव खाली हो रहे हैं वहीं ऐसे आयोजनों से प्रवासी लोग भी गांवों की ओर लौटे हैं। सिमली गांव में अभी 21 परिवार इस आयोजन के लिए गांव में आए हैं तथा बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मनोरंजन के नाम पर शहरों में हम चाहे कितना भी पैसा खर्च कर लें लेकिन विशुद्ध मनोरंजन और जुड़ाव के लिए गांवों की ओर लौटना ही पड़ेगा.
गैण्डा वध के मंचन कार्यक्रम में पहुंचे ब्लॉक प्रमुख यशपाल नेगी ने कहा कि अपनी पौराणिक विरासत को जीवंत रखने के लिए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाना चाहिए। ताकि आने वाली पीढी अपनी धार्मिक संस्कृति से रूबरू हो सके।
कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि दलीप नेगी,पत्रकार सुरेन्द्र धनैत्रा,बीरेंद्र बुटोला, नदंनसिंह रावत, चन्द्रसिंह नेगी भी मौजूद थे।इस मौके पर पांडव नृत्य आयोजन समिति के अध्यक्ष भगत बुटोला, देवेंद्र बुटोला, कर्णसिंह चौधरी, जयवीर बुटोला, जयपाल बुटोला, हरेंद्र बुटोला, राकेश बरमोला, पृथ्वीसिंह तथा ममंद व युमंद के पदाधिकारियों ने पांडव नृत्य में पहुंचे सभी लोगों का आदर-सत्कार किया।
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