भगवान भरोसे चल रही है सुरक्षित यात्रा

बुलंद आवाज़ न्यूज़

पिथौरागढ़

उत्तराखंड के इस नेशनल हाईवे पर जान हथेली पर रखकर यात्री सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। पिथौरागढ़ टनकपुर एनएच पर सुरक्षित यात्रा भगवान भरोसे पूरी हो रही है। सीमांत जनपद में दिल्ली बैंड व चुपकोट में पहाड़ी से मौत के बोल्डर लटक रहे हैं। इसके अलावा 12से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां कभी भी पहाड़ी से लटक रहे बोल्डर सड़क पर चलते वाहनों के लिए मुसीबत बन सकते हैं।

ऑल वेदर सड़क बनने के बाद पिथौरागढ़ से टनकपुर का सफर पहले की तुलना में काफी आरामदायक हो गया है। उसी तरह इस सड़क में हाई रिस्क जोन भी बन गए हैं। जहां पर पहाड़ी से लटक रहे बोल्डर व गिरते पत्थरों के बीच यात्री व माल वाहन आवाजाही करते हैं।

पिथौरागढ़ से टनकपुर तक रोज इस एनएच पर 1500 से अधिक वाहनों में 7 हजार से अधिक लोग आवाजाही करते हैं। पिछले दो सालों में जिस तरह ऑल वेदर बनने के बाद यह सड़क बिना वेदर ही जवाब दे रही है। उससे निर्माण व निर्माण तकनीक को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस पूरी सड़क के निर्माण में पहली बार कहीं पर भी विस्फोटक का प्रयोग नहीं किया गया।

पूरी सड़क मशीनों के माध्यम से काटी गई। इसके बाद भी पहाड़ियों का हल्की बारिश में ही जवाब देना लोगों के लिए समस्या का कारण बन राह है। पिछले 120दिनों में यह सड़क अलग-अलग स्थानों में 14से अधिक बार घंटों बंद रही है। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एनएच के सूत्रों के अनुसार टिहरी बांध का डिजाइन तैयार करने वाली कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

इस सड़क के डेंजर जोन ठीक किए जाने आवश्यक हैं। अन्यथा खतरे वाली जगहों पर किसी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।(मोहन चन्द्र भट्ट, अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन, पिथौरागढ़)

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