बुलंद आवाज़ न्यूज़
चमोली
ढाई साल पहले शादी होते ही शिवलाल ने विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर दिया था। वह तहसील के चक्कर काटता रहा लेकिन उसे प्रमाणपत्र नहीं मिला। मामला डीएम तक पहुंचा तो अब तुरंत प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। कमाल की बात यह है कि इस पर आवेदन के पांच दिन बाद की तारीख है। सवाल यह है कि प्रमाणपत्र बन गया था तो शिवलाल को ढाई साल तक क्यों नहीं दिया गया?
उत्तराखंड के चमोली तहसील के अंतर्गत सेमडुंग्रा के शिवलाल पुत्र मुरखल्या लाल का विवाह 30 जून 2020 को हुआ। उन्होंने चार जुलाई 2020 को मैरिज सर्टिफिकेट के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन किया। वे चक्कर काटते रहे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। प्रमाणपत्र नहीं मिलने से न तो वे ज्वाइंट खाता खुल पाए और न ही बीमा योजना का लाभ ले पाए। शिवलाल ने बताया कि शादी के कार्ड समेत सभी जरूरी दस्तावेज उन्होंने आवेदन के साथ जमा कराए थे।परेशान शिवलाल ने जुलाई में हुए जनता दरबार में डीएम से मामले की शिकायत की। डीएम ने इसकी जांच के लिए चमोली तहसीलदार को निर्देश दिए। शिवलाल ने बताया कि तहसीलदार ने बयान दर्ज करने के लिए उन्हें दो नवंबर को तहसील में बुलाया। वे तहसीलदार कार्यालय में जा ही रहे थे कि रजिस्ट्रार कार्यालय से उन्हें बुलावा आया और प्रमाणपत्र सौंप दिया गया। हालांकि, इस पर नौ जुलाई 2020 की तारीख दर्ज है।चमोली तहसील के रजिस्टार लक्ष्मण सिंह बोरा का कहना है कि हमारी ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई। विवाह पंजीकरण एक ही दिन में हो जाता है, लेकिन शिवलाल की ओर से आवेदन के साथ शादी का कार्ड संलग्न नहीं किया गया था न ही उसकी ओर से प्रमाणपत्र के बारे में कोई जानकारी ली गई। संबंधित ग्राम प्रधान को भी इस बारे में सूचना दी गई थी।रजिस्ट्रार की मानें तो शिवलाल के दस्तावेज अधूरे थे। ऐसे में नियमानुसार उसका प्रमाणपत्र जारी ही नहीं हो सकता। जबकि, शिवलाल को दिए गए प्रमाणपत्र पर करीब ढाई साल पहले की तारीख दर्ज है। ऐसे में सवाल यह है कि अधूरे दस्तावेजों के बावजूद प्रमाणपत्र कैसे बन गया था। विवाह पंजीकरण के लिए ये दस्तावेज जरूरी
– वर-वधू का आधार कार्ड, आयु प्रमाणपत्र
– शादी के समय की तस्वीर, निमंत्रणपत्र
– पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
– शादी के समय मौजूद दो गवाह
– विदेश में शादी की स्थिति में एंबेसी की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट तथा आवासीय प्रमाणपत्र।
इस मामले को दिखवाया जाएगा। प्रमाणपत्र जारी करने में इतना समय क्यों लगा। संबंधित विभाग से इस संबंध में पूछा जाएगा।
– डा. दीपक सैनी, एसडीएम, चमोली।
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