बुलंद आवाज़ न्यूज
चमोली
कर्णप्रयाग के डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जल शक्ति मंत्रालय की नमामि गंगे योजना के तहत विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर ” एक पेड़ मां के नाम” योजना पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी.एन. खाली ने बताया कि पर्यावरण मानव सभ्यता के लिए अति आवश्यक है लेकिन आज मानवीय विकास गतिविधियों के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है और इसी परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य और जैव विविधता निरंतर प्रभावित हो रही है। इसका एकमात्र समाधान यह है कि हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधों का संरक्षण करना चाहिए और प्लास्टिक को कम से कम प्रयोग करना चाहिए।
छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए नमामि गंगे के नोडल अधिकारी कीर्तिराम डंगवाल ने बताया कि इस प्रकार का जलवायु परिवर्तन मानव अस्तित्व के लिए एक खतरे की घंटी है अब समय आ गया है कि हमें मानव के अस्तित्व की रक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखना है। डॉ. कविता पाठक ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से फसल चक्र भी प्रभावित हो रहा है जो आने वाली मानव पीढ़ी और सतत विकास को सुरक्षित नहीं रख पाएगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉ. वी. पी. भट्ट, डॉ. आर.सी. भट्ट, डॉ. राधा रावत, डॉ. बी.एस. नेगी, डॉ. डॉ. चंद्रावती टम्टा, डॉ. मृगांक मलासी, डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. वी. आर. अंथवाल, डॉ. विनोद चंद्रा, डॉ. शालिनी सैनी, महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। प्राचार्य द्वारा इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार को पर्यावरण को सुरक्षित रखने की शपथ दिलाई गई। गोष्ठी के बाद महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण कार्य किया गया।
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