सुगंधित और आकर्षक तंबाकू उत्पादों के जाल में ना फंसे युवा: सीएमओ

बुलंद आवाज़ न्यूज 

देहरादून

शनिवार को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिला कारागार में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। Unmasking the appeal: Exposing industry tactics on tobacco and nicotine products थीम पर आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य जेल बंदियों को धूम्रपान एवं तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना था।

इस अवसर पर जेल बंदियों द्वारा तम्बाकू निषेध विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया तथा तम्बाकू छोड़ने वाले बंदियों द्वारा अपने अनुभव भी साझा किए।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि तम्बाकू उत्पाद बनाने वाली कंपिनियों द्वारा विभिन्न प्रकार के आकर्षक फ्लेवर का उपयोग करते हुए तम्बाकू उत्पादों को आकर्षक एवं सुगंधित रूप में बेचा जाता है। तम्बाकू का उपयोग नहीं करने वाले व्यक्ति सुगंधित तम्बाकू उत्पादों के प्रति आकर्षित होते हैं तथा इसका सेवन शुरू करते है जिसका परिणाम यह होता है कि धीरे धीरे उपयोगकर्ता इसके आदी होने लगते हैं। कहा, इस आकर्षक और सुगंधित उत्पादों के जाल में ना फंसें। साथ ही इसकी सच्चाई को अन्य लोगों तक भी पहुंचाए उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन के सहयोग से ही यह संभव हो पाया कि कई बंदियों द्वारा तम्बाकू सेवन की आदत को छोड़ा गया है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निधि रावत ने जिला तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की ओर से संचालित गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा, विगत दो वर्षों से जेल परिसर में फोकस ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से बंदियों को धूम्रपान और तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है इन्हीं प्रयासों का यह सकारात्मक परिणाम है कि आज कई बंदियों द्वारा धूम्रपान और तम्बाकू सेवन की आदत को त्याग दिया है।

जिला सलाहकार अर्चना उनियाल ने कोटपा अधिनियम तथा इसके अंतर्गत विभिन्न प्राविधानों के बारे में जानकारी दी। मनोचिकित्सक अनुराधा द्वारा तम्बाकू उत्पादों के सेवन से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। जेल निरीक्षक पवन कोठारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग और जेल प्रशासन के संयुक्त प्रयास से जेल परिसर में तम्बाकू निषेध किया गया है। बंदियों से मिलने वाले परिजनों द्वारा परिसर में तम्बाकू लाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

कार्यशाला में विवेक शुक्ला, प्रकाश सिंह मेहता, डॉ. अंकित गुसाईं, डॉ. मोहम्मद हसन, रेखा उनियाल, अनुराग उनियाल, मोहन सिंह दानू, मोहन सिंह शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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