बुलंद आवाज़ न्यूज
कर्णप्रयाग
डॉ. शिवानन्द नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग(चमोली) के संस्कृत विभाग द्वारा दिनांक 20-21 फरवरी 2025 को द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. मृगांक मलासी ने बताया कि संगोष्ठी का विषय भारतीय ज्ञान परम्परा में वैश्विक चेतना रखा गया है जिसमें दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड, उत्तराखण्ड, पंजाब आदि राज्यों के प्रतिभागी अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी. एन. खाली ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा प्रारम्भ से ही सम्पूर्ण विश्व का प्रदर्शन करती आ रही है। आज भी जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ईरान आदि अनेक देशों में हमारे प्राचीन ग्रन्थों को लेकर शोध कार्य किए जा रहे हैं। ऐसे में यह सेमिनार नवीन तथ्यों को हमारे सम्मुख लाने में सफल होगा।
कार्यक्रम के विषय में भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. एम.एस. कण्डारी ने कहा कि भौतिकी को लेकर प्राचीन ग्रन्थों में अनेक ऐसे सूत्र प्राप्त होते हैं जिन पर सही प्रकार से कार्य किया जाए तो कईं नूतन प्रकल्प हमें प्राप्त हो सकते हैं। महाविद्यालय में चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज इटावा से लगभग दस से अधिक शोधार्थी वहीं के प्राध्यापक नवीन कुमार के साथ आकर शोध पत्र का वाचन करेंगे। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. मृगांक मलासी ने कहा कि इस प्रकार के अकादमिक कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं की रुचि भी शोध की ओर बढ़ेगी और वे रिसर्च के लिए आगे बढ़ेंगे।
संगोष्ठी में परामर्श समिति में डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉ. मानवीरेंद्र कण्डारी, डॉ. डी. एस. राणा, डॉ. वी. आर. अंथवाल, डॉ. रमेश चन्द्र भट्ट, डॉ. शीतल देशवाल, डॉ. चंद्रमोहन जनस्वाण एवं आयोजन समिति समस्त महाविद्यालय परिवार सम्मिलित है। सेमिनार के समन्वयक डॉ. चंद्रावती टम्टा एवं डॉ. हरीश बहुगुणा ने कहा कि यह संगोष्ठी निश्चित रूप से नए तथ्यों को हमारे सम्मुख लाने में सफल होगी
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