मामी ने किया सपोर्ट तो केदारघाटी की बेटी ने बढ़ाया मान, इजराइल में पोस्ट डॉक्टरल पद पर मिली नियुक्ति

बुलंद आवाज़ न्यूज 

ऊखीमठ तेल अवीव विश्वविद्यालय इजराइल में डॉक्टरल वैज्ञानिक पद पर तैनात ऊखीमठ किमाणा पैज निवासी मंजीत पुष्वाण की पत्नी लक्ष्मी पुष्वाण का भी टेक्नियन इजराइल डंस्टीयूट आफ टैक्नोलॉजी इजराइल में पोस्ट डॉक्टरल पद पर नियुक्ति मिलने से केदार घाटी में खुशी की लहर है. लक्ष्मी पुष्वाण की इस कामयाबी पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों व परिजनों ने खुशी व्यक्त की है लक्ष्मी पुष्वाण आगामी 1 मई को इजराइल पहुंचकर पोस्ट डॉक्टरल पद पर तैनाती देगी.

लक्ष्मी पुष्वाण की प्राथमिक शिक्षा मॉर्डन पब्लिक स्कूल और देव भूमि पब्लिक स्कूल, बिलकेदार, श्रीनगर गढ़वाल से पूरी की। उन्होंने अपना हाई-स्कूल और इंटरमीडिएट स्कूल गवर्नमेंट गर्ल्स इंटरकॉलेज श्रीनगर गढ़वाल से प्रथम श्रेणी में पूरा किया फिर उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर उत्तराखंड से पूरी की वर्ष 2013 में उन्होंने यहां स्नातक की डिग्री और वर्ष 2015 में कार्बनिक रसायन विज्ञान में विशेषज्ञता के साथ मास्टर डिग्री हासिल की फिर उन्होंने वर्ष 2016 में नेट-एलएस परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2017 में नेट-जेआरएफ और गेट परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें अखिल भारतीय रैंक 19 प्राप्त हुआ  वर्ष 2017 में उन्हें डॉ. आशीष कुमार भट्टाचार्य के मार्गदर्शन में सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, पुणे में पीएचडी कार्यक्रमों के लिए चुना गया उन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय सहकर्मी समीक्षा पत्रिकाओं में 5 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और कुछ की तैयारी चल रही है उन्होंने सितंबर 2023 में औषधीय रसायन विज्ञान में अपनी पीएचडी पूरी की 7 दिसम्बर 2023 को लक्ष्मी पुष्वाण व मंजीत पुष्वाण की विवाह हिन्दू रिति – रिवाज के साथ समपन्न हुआ. सीएसआईआर-एनसीएल पुणे में अपने शोध कार्य के आधार पर उन्हें टेक्नियन-इज़राइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इज़राइल में पोस्ट-डॉक्टरल पद मिला, जहां वह 1 मई 2024 से शामिल होंगी।

लक्ष्मी पुष्वाण इस कामयाबी का श्रेय अपने मामा सुन्दर गिरी व मामी संकरी देवी को देती है वर्ष 2021 में उनके मामा की मृत्यु होने के बाद भी उनकी मामी संकरी देवी ने उन्हें मंजिल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया लक्ष्मी पुष्वाण ने विदेश में वैज्ञानिक बनने पर मातृशक्ति का मान बढाया है तथा सम्पूर्ण केदार घाटी गौरवान्वित हुई है.

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