भईया सरकारी नौकरी तो है नहीं, बस डर है कि कहीं इहॉ से भी हमको पुलिस वाले हटा ना दें: सुने दुकानदार की आपबीती! 

बुलंद आवाज़ न्यूज

हल्द्वानी: शुक्रवार की दोपहर कालाढूंगी रोड पर सड़क किनारे फास्टफूड की ठेली लगा रहे दुकानदार ने पूछा, भैया जी बाजार की तरफ से आ रहे हैं क्या, वहां क्या हाल है, दुकान खोलने नहीं दे रहे हैं, लेकिन परिवार पालना है इसलिए ठेला निकालकर लाए हैं, सरकारी नौकरी तो है नहीं, इसलिए कमाने का जरिया ही यही है, इसलिए मजबूरी में दुकान खोल रहे हैं।

एक दिन के कर्फ्यू के बाद प्रशासन ने भले ही शहर के आधे हिस्से को इससे मुक्त कर दिया हो, लेकिन इसके बावजूद शनिवार को बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण न तो इसकी जानकारी लोगों को मिल सकी और न ही सभी पुलिसकर्मियों को। इस कारण कर्फ्यू मुक्त इलाकों में भी दुकान खोलने को लेकर लोगों में असमंजस बना रहा। दोपहर करीब 1.35 बजे कालाढूंगी रोड पर बद्रीश कालोनी तिराहे के करीब बंद टिक्की की ठेली लगाने वाले बिट्टू गुप्ता ने बताया कि बीते बृहस्पतिवार की शाम को रोज की तरह काम कर रहे थे और दुकान पर ग्राहक खड़े थे।

तभी शाम 5 बजे अचानक से लोग कालाढूंगी तिराहे से भागते हुए आने लगे और ऑटो रिक्शा भी तेजी से जाने लगे। जैसे ही बनभूलपुरा में बवाल की सूचना मिली तो वह भी अपना ठेला लेकर वहां से चले गए। आसपास के अन्य ठेले वाले भी तुरंत चले गए। बताया कि करीब दो से ढाई हजार का नुकसान उस दिन हुआ था। एक दिन दुकान बंद रही, लेकिन आज किसी तरह से दुकान लगाने की हिम्मत की है। लेकिन अभी भी डर लग रहा है कि कहीं पुलिस वाले आकर न भगा दें।

कालाढूंगी रोड पर दोपहर में एक गजक की दुकान खुली थी। लेकिन कालाढूंगी तिराहे पर मौजूद कुछ पुलिस वाले वहां पहुंचे और दुकान बंद करने के लिए बोल गए। इस पर दुकानदार अपनी दुकान बंद करने लगा। मगर जब कर्फ्यू पर असमंजस खत्म हुआ तब दुकान खुली।

कालाढूंगी रोड पर शाम को सब्जी की ठेलियां खुलने लगी थी। वहीं चित्रशिला के करीब भी सब्जी की दुकानें शाम को खुलने लगी थी। इनके साथ ही कुछ अन्य दुकानें भी कुछ-कुछ जगह पर खुल गई थी। मगर सभी जगह लोग ग्राहकों का ही इंतजार करते नजर आए। वहीं देवलचौड़ चौराहे के करीब सुबह से ही दुकानें खुली हुई थी।

साभार अमर उजाला

bulandawaaj

बुलंद आवाज़

Share