वन पंचायत आत्मनिर्भर बनाने के यहां के ग्रामीणों ने बनाई ये योजना, जाने डिटेल्स

बुलंद आवाज न्यूज

चमोली

चांई गांव में आयोजित की गई वन पंचायत सशक्तिकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन और वन अग्नि सुरक्षा के विषयों पर चर्चा हुई.

जोशीमठ के सुदूरवर्ती गांव चांई में वन पंचायत के जल, जंगल, जमीन के संरक्षण, वन पंचायत के सदस्यों एवं सरपंचों के कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में वन पंचायत की पंचवर्षीय योजना कैसे तैयार की जाती है? और वन पंचायत को कैसे सशक्त किया जा सकता है? इन पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई.

इस कार्यक्रम का आयोजन नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ एवं (जनदेश) जय नंदा देवी स्वरोजगार शिक्षण संस्थान कल्प क्षेत्र भर्की सामाजिक संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। वन पंचायत में वन, अग्नि, सुरक्षा एवं बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के कारण कृषि एवं जंगलों पर पड़े प्रभावों के बारे में भी विस्तार से बताया गया.

जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी के द्वारा लोगों को जानकारी दी गई कि वन पंचायत नियमावली 2005 और 2012 में सरकार के द्वारा वन पंचायत में किए गए प्रावधानों के अनुसार वन पंचायत को अपनी वार्षिक बैठक एवं मासिक बैठक पंचवर्षीय कार्य योजना और वार्षिक कार्य योजना कैसे तैयार की जा सकती है साथ ही वन पंचायत के आय बढ़ाने के स्रोतों पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि वन पंचायत को मजबूती के लिए आम समुदाय के लोगों की भागीदारी बढ़नी चाहिए और सदस्यों को सक्रिय रूप से काम करना होगा. उन्होंने बताया कि अधिकार के साथ हमें अपने कर्तव्यों को भी समझना होगा.

इस अवसर पर जनदेश के वरिष्ठ कार्यकर्ता रघुवीर सिंह चौहान ने कहा कि हमें आज के समय में अपनी वन पंचायत में नियोजन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और नियोजन से ही वन पंचायत की आय में वृद्धि होगी उन्होंने कहा कि वन पंचायत के कोष पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है पंचायत के अभिलेख रखरखाव को बेहतरीन ढंग से रखने के लिए हमें अपने संगठन के लोगों को भी साथ सहयोग करना पड़ेगा और वन सचिवों को भी इसमें अपनी भागीदारी बढ़ानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह पंचायत में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी होते हैं उसी तरह से अब वन पंचायत में वन बीट या वन आरक्षी जो वन पंचायत क्षेत्र के सचिव कहलाएंगे. उनकी जिम्मेदारी है कि वन पंचायत की खुली बैठकों में उपस्थित होकर वन पंचायत का अभिलेखीकरण के कार्य समय पर पूरा करें. वन पंचायत नियमावली 2012 में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि वन पंचायत की जो खुली बैठक का प्रस्ताव होगा उसे सरपंच के माध्यम से रेंज अधिकारी एवं वनाधिकारी को अनिवार्य रूप से प्रेषित करना होगा और वार्षिक प्लान भी हर वर्ष बनाना होगा जिसके अनुमोदन के लिए रेंज कार्यालय को प्रस्तुत करना होगा. यदि इस तरह से वन पंचायत में कार्य होता है तो वन पंचायते सशक्त होगी और वन पंचायत में अपने वन क्षेत्र के अंतर्गत खनिजों से रॉयल्टी यदि काटी जाएगी तो वन पंचायत का कोष में वृद्धि होगा और वन पंचायत आत्मनिर्भर बन सकती है वन पंचायत में प्रकृति पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं इसके लिए भी हमें एक बेहतरीन नियोजन संबंधित विभागों के साथ करने की आवश्यकता है।

इस कार्यशाला में वन पंचायत सरपंच दिलीप सिंह वन पंचायत सचिव चंद्र मोहन सिंह राणा वन आरक्षी नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ ने कहां की हम वन पंचायत को पूरा समय देने के लिए तैयार है.

वन पंचायत को समय-समय पर बैठक आयोजित कर अपने काम को संयोजित ढंग से करना होगा और जो भी हमको सुझाव दिए जाएंगे हम उसे पर काम करेंगे, सामाजिक कार्यकर्ता विजेंद्र सिंह ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया बैठक में जयदीप सिंह रणजीत सिंह दीपा देवी मांगी देवी आशा देवी गोपाल सिंह अजीत सिंह जगदीश जगदीश सुबोध सत्येंद्र शंकर लाल कुलदीप सिंह बालवीर आदि लोग उपस्थित थे।

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