बुलंद आवाज़ न्यूज
चमोली हिमाद कार्यालय गोपेश्वर में किसान उत्पादक विकास कार्यकताओं एवं सहकारिता के पदाधिकारियों कीे बैठक हुई जिसमें हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कहा कि पारस्परिक लाभ एवं सामूहिक जीविकोपार्जन के लिए समूह मुख्य आधार है, समूह की आवश्यकता हमारे दैनिक जीवन से जुडी होती है इसलिए समूह में कार्य करने वाले सदस्यों की क्षमता का विकास होना नितान्त आवश्यक है इस मौके पर उन्होने किसान उत्पादक समूहों को स्थानीय कृषि उत्पादों के उत्पादन में बढावा देने के साथ ही पहाड़ी कृषि उत्पादों के महत्व की जानकारी दी साथ ही हिमोत्थान सोसायटी देहरादून एवं टाटा टस्ट्र के माध्यम से गांव स्तर पर किसान उत्पादक समूहों के सदस्यों को स्थानीय संसाधनों पर आधारित स्वरोजगार के उद्यमों को विकसित करने में डेरी फल, मशरूम उत्पादन आदि व्यवसायों की तकनीकी जानकारी देते हुए समूह सदस्यों के माध्यम से गांव की बजर भूमि पर चारा प्रजातियों के पौधों एंव फलदार पौधों के रोपण के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर हिमाद की समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि इको लैब्स के माध्यम से ग्राम स्तर पर बाल एवं किसान संगठनों के साथ वैज्ञानिक सोच को विकसित करने, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबन्धन, पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण परिर्वतन के कारण, मानव जीवन पर पर्यावरण परिर्वतन का प्रभाव, पर्यावरणीय परिवर्तन व पर्यावरण परिर्वतन को रोकने के उपायों के सन्दर्भ में जानकारी दी जा रही है। साथ ही कहा कि ईको लैब्स के माध्यम से आम जन को समेकित बाल सुरक्षा कार्यक्रम, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और सरक्षण) अधिनियम, बाल कल्याण समिति , किशोर न्याय बोर्ड के प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है और बच्चों की उचित देखभाल, सरक्षण के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है.
इस मौके पर हिमाद के मध्य हिमालयी पशुधन पहल परियोजना के सह समन्चक भूपेन्द्र गुसाई ने परियोजना की जानकारी देते हुये कहा कि उत्पादक संगठन के सदस्यों की आय वृद्धि हेतु पशुपालन, कृषि, बागवानी आधारित उत्पादों का उत्पादन कराकर उनके बाजारीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा ग्रामीणों को लघुवित्त एवं लघु ऋण सुविधा, ऋण सेवाएं जिसमें बीमा सेवाएं एवं सभी प्रकार की वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवाना साथ ही घरेलू कुटीर उद्योगों की स्थापना एवं प्रबन्धन करना, मौनपालन, कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं कुटीर उद्योगों से उत्पादित वस्तुओं का क्रय एवं विक्रय, डेयरी विकास कार्यक्रमों को संचालित करना होगा।
बैठक में जैविक खेती कार्यक्रम के समन्वयक बहादुुर सिंह रावत ने कहा कि उर्गम क्षेत्र में जैविक खेती के लिए चयनित किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है साथ ही वन पंचायतों के सदस्यों एवं वनाधिकार समितियों के सदस्यों को जानकारी देकर सक्रियकरण किया जा रहा है।
बैठक में हिमाद के टीम सदस्य पंकज पुरोहित ने कहा कि हिमोत्थान टाटा टस्ट्र के माध्यम से कनखुल नौटी, सोनला एंव झिरकोटी कलस्टरों चयनित गांवों में किसान उत्पादक समूहों ,स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठनों एव कर्णभूमि स्वायत्त सहकारिता कर्णप्रयाग का गठन किया गया है। सहकारिता के माध्यम से समूह सदस्यों को स्थानीय दालों के उत्पादन को बढावा देने के लिए उन्नत प्रजाति के बीज, तथा डेमों तकनीकी अपना कर बीज रोपण की तकनीकी की जानकारी दी जा रही है साथ स्थानीय सभी प्रकार में बीजों को रोपण, पौधों के विकास तथा पौधों की उचित प्रबन्धन समय पर देखरेख की वैज्ञाानिक तकनीक की जानकारी दी जा रही है ताकि नगदी फसलों का उत्पादन कर स्वरोगार प्राप्त कर सकें।
बैठक में इस अवसर काजल रावत , पुश्कर लाल, भूपेन्द्र कुमाई, लीला देवी , संदीप चैहान ,राजेष्वरी देवी, सोनी भ्ण्डारी, भूपेन्द्र कुमाई, मोहन सिंह, संगीता देवी, आषा देवी, ने अपने विचार व्यक्त किये.
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