बद्रीनाथ धाम: धाम में एक साधु ने अपने ही साथी दूसरे साधु को उतारा मौत के घाट

बुलंद आवाज़ न्यूज

चमोली/बद्रीनाथ 

बदरीनाथ धाम में मंगलवार को पुलिस ने साथी साधू को मौत के घाट उतारने वाले साधु को गिरफ्तार कर लिया है। कल बुधवार को साधु को न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरोपी साधू ने स्वयं ही थाने में आकर पुलिस को हत्या की जानकारी दी और अपना आत्मसमर्पण कर दिया।

मंगलवार को दोपहर में जब दत्तचैतन अकेला दिखाई दिया और बाबा सुनकरा के कमरे में ताला लगा हुआ था तो दत्तचैतन से पूछा कि बाबा कहां है और दोनों सुबह से क्यों नहीं दिखाई दिए। इस पर वह घबरा गया और रोने लगा। पूछने पर दत्तचैतन ने बताया कि गुस्से में उसने बाबा सुनकरा के सिर पर हथौड़ा मार दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। उसका शव अपने कमरे में छुपा रखा है।

हत्यारोपी साधु ने पुलिस को बताया कि हत्या करने के बाद उसने शव को अपनी चारपाई के नीचे रख दिया। जब धाम में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग सो गए तब वह रात करीब डेढ़ बजे अलकनंदा में नहाने पहुंचा। नहाने के बाद वह फिर कमरे में पहुंचा। दोनों साधु पिछले कई साल से बदरीनाथ धाम में रह रहे थे।

बदरीनाथ धाम में इन दिनों लगभग 120 साधु-संत रह रहे हैं। अधिकांश साधु धाम में भिक्षावृति करते हैं। ये बदरीनाथ के आस्थापथ पर बैठे रहते हैं। कुछ साधु अपनी कुटिया में रहते हैं। धाम के समीप भी कई साधुओं की धर्मशालाएं हैं। छह माह तक बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने पर भिक्षावृत्ति वाले साधु वापस लौट जाते हैं। कुछ साधु शीतकाल में भी धाम में ही निवास करते हैं। वे धाम में तपस्या करने के लिए जोशीमठ तहसील प्रशासन से अनुमति लेते हैं। पिछले वर्ष 33 साधुओं ने धाम में तपस्या करने की अनुमति मांगी थी, इस पर तहसील प्रशासन ने 12 को अनुमति दी थी.

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