चमोली में मृतकों के आश्रितों को 1 करोड़, 1 को स्थायी नौकरी दें सरकार: इंद्रेश मैखुरी

बुलंद आवाज़ न्यूज

चमोली 

चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर करंट फैलने से अब तक करीब 16 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग घायल हैं. जिसमें से गंभीर रूप से झुलसे जल संस्थान के जेई संदीप मेहरा और सुशील कुमार समेत 6 को हेलीकॉप्टर एम्स ऋषिकेश भेजा जा चुका है. जबकि 5 गोपेश्वर अस्पताल में भर्ती हैं.

इस घटना के बाद भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने मृतकों के आश्रित परिवार के लिए 1 करोड़ रुपया मुआवजा एवं 1 आश्रित को स्थायी नौकरी जबकि घायलों के इलाज का सारा खर्च और पचास रुपए की मांग राज्य सरकार से की है. साथ ही मैखुरी का कहना है कि प्लांट में दो बार करंट फैलने की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए. रात में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी की करंट से मौत के बाद सुबह फिर से करंट फैलने और लोगों के चपेट में आना बेहद गंभीर मामला है. इससे यह साफ ज़ाहिर होता है कि कहीं न कहीं नदी किनारे बने इन सीवर प्लांट्स में सुरक्षा के मानकों का खयाल नहीं रखा गया है. इसलिए करंट फैलने के जिम्मेदारों के विरुद्ध लोगों की हत्या में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और समस्त मुआवजा राशि की वसूली होनी चाहिए.

यह थी करंट फैलने की असली वजह!

चमोली के ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि बीती रात को बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था जिसके बाद सुबह तीसरे फेज को फिर से जोड़ा गया. जिसके बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में बिजली का करंट दौड़ गया. साथ ही बताया कि ट्रांसफार्मर से लेकर मीटर तक कहीं भी एल टी और एस टी तार टूटे नहीं थे. मीटर के बाद ही सभी जगह करंट दौड़ा है.

साथ ही ए डी जी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन बताते हैं कि पूरे घटना स्थल (प्लॉट) लोहे की ग्रिल, रेलिंग से बना हुआ था. जिस कारण करंट की तीव्रता बढ़ गई और हादसा हो गया.

जिसके बाद अब जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने अपर जिला मजिस्ट्रेट डा.अभिषेक त्रिपाठी को जांच अधिकारी नामित करते हुए उक्त दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं.

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