बुलंद आवाज़ न्यूज़
अल्मोड़ा
एक पहाड़ी सब पर भारी यह बात धीरे-धीरे अब साबित भी होने लगी है प्रत्येक क्षेत्र में उत्तराखंडी परचम लहरा रहे हैं
अल्मोड़ा के युवा शटलर लक्ष्य सेन ने इस बात को साबित कर लिया है खेल मैदान में विरोधियों को धूल चटाने वाले लक्ष्य सेन अब स्वर्ण पदक लेकर अपने नाम के साथ साथ पूरे उत्तराखंड को रिप्रेजेंट कर रहे हैं।
लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त 2001 को अल्मोड़ा के तिलकपुर वार्ड में हुआ था 4 साल की छोटी सी उम्र में खेलना शुरू कर दिया था और इतनी छोटी सी उम्र में ही उन्होंने एक बड़ा मुकाम भी प्राप्त कर लिया है दादा से विरासत में मिले बैडमिंटन खेल को आगे बढ़ा कर लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रचने में भी सफल हो गए हैं।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी शटलर अर्जुन अवार्ड से नवाजे गए हैं राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति ने लक्ष्य सेन को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया लक्ष्य को अर्जुन अवार्ड मिलने से अल्मोड़ा में खेल प्रेमी खुशी से झूम उठे राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में लक्ष्य सेन को राष्ट्रपति के हाथों अर्जुन अवार्ड पाते देख वहां मौजूद लक्ष्य के पिता और कोच डीके सेन माता निर्मला सेन की आंखें खुशी से नम हो गई।
लक्ष्य सेन को पुरस्कार मिलने पर उत्तरांचल बैडमिंटन संघ आई अध्यक्ष डॉक्टर अलकनंदा अशोक समेत बैडमिंटन खिलाड़ियों ने खुशी जाहिर की।
लक्ष्य ने दादा से ही बैडमिंटन सीखा और उन्हीं को अर्जुन अवार्ड समर्पित भी किया उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ के सचिव बीएस मनकोटी ने बताया कि लक्ष्य ने अर्जुन अवार्ड अपने दादा स्वर्गीय सीएल सेन को समर्पित किया है लक्ष्य के दादा स्वर्गीय सीएल सेन बैडमिंटन के एक बेहतरीन खिलाड़ी थे अपने समय में उन्होंने वेटरन में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं भी जीती थी उन्होंने अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेल को बढ़ावा दिया था और अल्मोड़ा में उन्हें बैडमिंटन का भीष्म पितामह के नाम से भी जाना जाता है।
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