गौचर मेले से स्थानीय आखिर क्यों हैं नाखुश जानिए पूरी रिपोर्ट

बुलंद आवाज़ न्यूज़

गौचर/सोनिया मिश्रा 

चमोली: 14 नवम्बर 1943 में आरम्भ हुए गौचर मेले को भव्य से भव्यतम बनाये जाने के लिये शासन प्रशासन हर सम्भव कोशिश करने की बात कर रहा है मेले की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौरा जारी रहता है, 2022 में 14 नवम्बर से शुरू होने वाले गौचर मेले को लेकर भी जिलाधिकारी हिमांशु खुराना और कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, पुलिस अधीक्षक चमोली के नेतृत्व में मेले को लेकर स्थानीय लोगो से सुझाव प्रस्ताव रायसुमारी कर तैयारी की गई। अब जैसे जैसे 14 नवम्बर का दिन नजदीक आ रहा तो प्रशासन ने मेले के कार्यक्रमों का रूट चार्ट जारी किया। मेले के आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले के आकर्षण के महत्वपूर्ण केंद्र रहते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों को शामिल न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की है।

केस1

2022 में आयोजित होने वाले मेले में प्रदेश स्तरीय कलाकर जो जनपद चमोली से है, किशन महिपाल का कहना है कि गौचर मेले में दर्शकों के सामने प्रस्तुति देना हर कलाकार का सपना होता है लेकिन वे बदकिस्मत है कि अपने गृह जनपद में आयोजित होने वाले मेले में 22 वर्ष में केवल 1 बार मौका मिला। उन्होंने कहा कि संस्कृति के नाम पर स्थानीय कलाकारों का मजाक बनाया जाता है, मेले के मकसद को भटकाया जा रहा है, जिसका एक कलाकार होने के नाते उन्हें दुख है।

केस 2

वही पूर्व नगर पालिका अध्य्क्ष मुकेश नेगी का कहना है कि गौचर में राजकीय मेला है इस मेले में।देश के हर कोने की संस्कृति की झलक शामिल हो इसका कभी किसी ने विरोध नही किया लेकिन मेले में कुछ समय से प्रशासन मनमानी कर रहा है, स्थानीय कलाकारों को मंच से दूर रखा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

केस 3

वही सामाजिक कार्यकर्ता सजंय बहुगुणा ने कहा कि गौचर मेले में किशन महिपाल और गढ़ गौरव नरेंद्र सिंह नेगी के कार्यक्रमो को न लगने से मेला अधूरा अधूरा लगेगा।

कर्णप्रयाग विधायक ने स्थानीय कलाकारों को गौचर मेले शामिल नही किये जाने पर सारा ठीकरा प्रशासन के सर फोड़ दिया। विधायक का कहना है कि यह मेला पूर्ण रूप से प्रशासन संचालित करता है। जिसके लिए हर क्षेत्र के लिए समितियां बनाई गई हैं, सांस्कृतिक समिति ने ही कार्यक्रमो की रूप रेखा बनाई है और कलाकारों का चयन किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे हमेशा चाहते है कि गौचर मेले में स्थानीय कलाकारों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

प्रशासन का कहना है कि समितियों द्वारा मेले को भव्य बनाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है स्थानीय स्तर पर कलाकारो को, महिला समूहों को और स्कूली बच्चों सहित राजनीतिक संगठन से जुड़े प्रतिनिधियो को भी सम्मान दिए जाने की कोशिश की गई है।

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