बुलंद आवाज़
साकेत चौक से बदरीनाथ धाम तक लगभग 200 मीटर आस्था पथ पर प्रधानमंत्री मोदी पैदल चलेंगे। इस दौरान यह क्षेत्र जीरो जोन में तब्दील रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर बदरीनाथ धाम की देव दर्शनी से लेकर देश के अंतिम गांव माणा तक व्यवस्थाएं चाक-चौबंध कर दी गई हैं। बदरीनाथ हाईवे, माणा टैक्सी स्टेशन, हेलीपेड, साकेत चौक, बदरीनाथ परिसर, ब्रह्म कपाल, पुलिस थाना क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमआई-17 से सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर बदरीनाथ धाम पहुंचें। उनका विशेष विमान आर्मी हेलीपेड पर उतरेगा। प्रधानमंत्री आधे घंटे तक बदरीनाथ धाम के दर्शन और विभिन्न पूजाओं में प्रतिभाग करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री बदरीनाथ धाम परिसर और साकेत तिराहे से मास्टर प्लान के तहत रीवर फ्रंट के कार्यों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान साकेत तिराहे पर दुकानें खुली रहेंगे। दुकानों में मौजूद दुकानदारों का पुलिस की ओर से सत्यापन किया गया है।
जनसभा में जुटेंगे 1500 लोग
प्रधानमंत्री की जनसभा माणा गांव में आर्मी कैंपस के समीप आयोजित होगी। जनसभा में 1500 से 2000 लोगों के जुटने की संभावना है। मुख्य रूप से देश के अंतिम गांव माणा के भोटिया जनजाति के ग्रामीण और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और स्थानीय नागरिक मौजूद रहेंगे।
बदरीनाथ धाम में पल-पल बदल रहा मौसम
बदरीनाथ धाम में इन दिनों पल-पल मौसम बदल रहा है। पिछले कुछ दिनों से दोपहर बाद बदरीनाथ धाम में बर्फबारी हो रही है। ऊंची चोटियों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। बृहस्पतिवार को दोपहर में बदरीनाथ धाम का तापमान माइनस एक डिग्री तक पहुंच गया था। बदरीनाथ धाम में भी बर्फबारी हुई लेकिन कुछ देर बाद ही पिघल गई थी।
रम्माण नृत्य रहेगा आकर्षण का केंद्र
प्रधानमंत्री के जनसभा स्थल पर चमोली जनपद के प्रसिद्घ रम्माण मुखौटा नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। सलूड़ डुंग्रा गांव के ग्रामीणों द्वारा रम्माण नृत्य का आयोजन किया जाएगा। रम्माण शब्द रामायण का अपभ्रंश है। इस नृत्य में भगवान श्री राम के जन्म से लेकर रावण वध तक के आयोजन को मुखौटा नृत्य के साथ आयोजित किया जाता है। कलाकार ढोल दमाऊं की थाप पर मुखौटा नृत्य की प्रस्तुति देते हैं। ढोल वादक जागर गायन भी करता है जबकि प्रधानमंत्री की अगुवाई में माणा गांव के भोटिया जनजाति के महिला व पुरुषों द्वारा पौणा नृत्य और झुमैलो नृत्य का आयोजन किया जाएगा।
मोदी की सौगातों की ये होगी खूबी
केदारनाथ रोपवे: केदारनाथ धाम तक करीब 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा। दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा।
हेमकुंड रोपवे: गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है।
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