युवक-युवती के कंकाल मिले, ऑनर किलिंग और प्रेम प्रसंग के एंगल पर उलझी गुत्थी

 बुलंद आवाज़ न्यूज

हरिद्वार के सिडकुल में एक खाई से मिले युवक और युवती के कंकालों से पुलिस भी उलझन में आ गई है। ऑनर किलिंग से लेकर प्रेम प्रसंग में आत्महत्या के हर बिंदु पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। ऐसी भी आशंका है कि हत्या कर शवों को फंदा लगाकर टांगा गया हो। घटना स्थल से आईडी या फिर कोई ऐसी चीज नहीं मिली है कि जिससे दोनों की पहचान हो सके। ऐसे में गुत्थी उलझ रही है।

      रविवार की रात सिडकुल थाना क्षेत्र के डैंसो चौक के पास जिस खाई से युवक और युवती के कंकाल बरामद हुए हैं, उसके पास एक कांपलेक्स अधूूरा बना है। करीब डेढ़ साल पहले कांप्लेक्स का निर्माण बंद हो गया था। कांपलेक्स का बेसमेंट खुदा है और उसके पास ही करीब 30 फुट से अधिक गहरी खाई खोदी गई है। खाई के अंदर पेड़ और बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं। जिस जगह से कंकाल मिले हैं वहां से मात्र 50 फुट की दूरी पर फैक्टरी है। दूसरी तरफ बड़े-बड़े प्रतिष्ठान हैं। एक तरफ मुख्य मार्ग है तो दूसरी ओर पीछे फैक्टरियों की तरफ सड़क जा रही है।

खाई इतनी गहरी है कि यहां पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं है। निर्माणाधीन बिल्डिंग की तरफ से रास्ता है तो यहां पानी भरा है। नीचे झाड़ियां खड़ी हैं। ऐसे में युवक और युवती के नीचे उतरकर आत्महत्या कर लेने की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं युवक और युवती की हत्या कर शव नीचे खाई में ले जाकर फंदों पर तो नहीं लटकाए गए।

    सूचना देने वाला कैसे पहुंचा खाई में 

बकौल पुलिस, इस मामले की सूचना पुलिस को किसी सब्जी वाले ने रात में दी थी। पुलिस को कंकाल बाहर निकालने में पूरी रात का इंतजार करना पड़ा। ऐसे में सूचना देने वाले व्यक्ति को कंकाल पड़े होने की बात कहां से पता चली। इसको लेकर पुलिस भी कुछ साफ नहीं कर रही है। जिससे पुलिस की कहानी में झोल नजर आ रहा है।

     तीन टहनियों पर दुपट्टा और गमछे का फंदा 

पुलिस को मौके पर खाई में नीचे पेड़ की तीन टहनियों पर गमछे और दुपट्टे का फंदा बना हुआ मिला। तीनों टहनी आपस में बिल्कुल मिले हुए हैं। जिस स्थान पर कंकाल मिले उससे पेड़ के टहनियों की ऊंचाई करीब आठ से नौ फुट ऊंची है।

   आत्महत्या और हत्या की बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में हर स्तर पर जांच की जा रही है। सभी थाना-कोतवालियों में दर्ज गुमशुदगी के मामलों में भी देखा जा रहा है कि कहीं कोई इस तरह की गुमशुदगी तो दर्ज नहीं है। दोनों की पहचान कराने में टीमें लगा दी गई हैं।

– डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसएसपी हरिद्वार

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