मोरबी में पुल टूटने से नदी में गिरे लोग, 60 की मौत

 बुलंद आवाज़ न्यूज

गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में एक केबल पुल के टूटने की खबर आ रही है। बताया गया है कि जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त करीब 400 लोग पुल पर ही थे। गुजरात के पंचायत मंत्री ब्रजेश मेर्जा के मुताबिक, इस हादसे में कम से कम 60 लोगों की मौत हुई है। वहीं, दर्जनों घायल हैं। पीएम मोदी ने भी घटना को लेकर अधिकारियों से तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सिलसिले में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल से बात की और घटना पर निगरानी रखने के लिए कहा।

अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए पांच दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर रविवार की छु्टी होने के कारण काफी भीड़ थी। अफसरों के मुताबिक, रविवार को पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। मोरबी सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रदीप दुधरजिया ने कहा, ‘‘हमारे अस्पताल में अब तक कई शव लाए जा चुके हैं।’’

        दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लोगों को नदी से निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम नावों की मदद से बचाव कार्य कर रहे हैं। नदी में करीब 40-50 लोग हैं।’’ एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था।

पीएम मोदी ले रहे घटना की पल-पल की जानकारी

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना के संबंध में मुख्यमंत्री पटेल और अधिकारियों से बात की। मोदी इस समय , गुजरात में हैं। पीएमओ ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) बचाव अभियान के लिए दलों को तत्काल तैनात करने को कहा है। उन्होंने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को कहा है।’’

   पीएम मोदी ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है। वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। गुजरात सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये की मदद का एलान किया है।

   Suspension Bridge: 142 साल पुराना था मच्छु नदी पर बना पुल, मरम्मत के बाद पांच दिन के भीतर ही हो गया हादसा

      गुजरात के मोरबी में आज हादसे का शिकार हुए मच्छु नदी में बने केबल पुल का इतिहास काफी पुराना है। इस पुल को आजादी से पहले अंग्रेजों ने बनवाया था। इसके निर्माण में उस समय की सबसे बेहतरीन इंजिनियरिंग का प्रयोग किया गया था। इतना ही नहीं, इस पुल के निर्माण के लिए सारा सामान ब्रिटेन से ही मंगवाया गया था। साल 1980 में इसका निर्माण पूरा हुआ। यह पुल ना केवल भारत की आजादी की लड़ाई का गवाह बना बल्कि इसने भारत के उज्जवल भविष्य को भी देखा। बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना, कला और पुराने होने के कारण इस गुजरात के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में शुमार किया जाता था। मच्छु नदी पर बना यह ब्रिज मोरबी के लोगों के एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट था।

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