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उत्तराखंड में चीन सीमा से जुड़े क्षेत्रों में सेना के गश्त रूटों को बनाने में अब वन भूमि का पेच नहीं फंसेगा। राज्य सरकार ने चार दर्जन से ज्यादा गश्त रूटों पर वन भूमि हस्तांतरण को लेकर सहमति दे दी है। इनमें से कुछ प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। सचिवालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई सिविल मिलिट्री लाइजन कांफ्रेंस में यह निर्णय लिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सेना को राज्य सरकार से सहयोग की जो अपेक्षाएं होंगी, उन्हें प्राथमिकता में रखते हुए उचित हल निकाला जाएगा। सीएम ने बताया कि आज जो समन्वय बैठक हुई है, इसका आउटपुट निकलना चाहिए। सेना ने रखा पक्ष सूत्रों ने बताया कि सेना के उत्तर भारत एरिया के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू ने कांफ्रेंस के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त रूट, चौकी और बैरकों के निर्माण में आ रही परेशानी रखी।
उन्होंने कहा कि वन भूमि के चलते ये कार्य नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार इसके लिए सेना को जमीन हस्तातंरित करने का आग्रह किया। मैथ्यू ने बताया कि सीमा क्षेत्र में ऐसे लगभग 52 गश्त रूट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेना के कुछ डिपो भी वन भूमि पर हैं, जिनका किराया कई दशकों से नहीं भरा गया है। अब यह राशि करोड़ों में पहुंच चुकी है, इसे भी माफ कर दिया जाए।
औली में हेलीपैड राज्य सरकार औली में हेलीपैड बनाने के लिए सेना से जमीन मांगेगी। इसके बदले सेना को कहीं और जमीन दी जाएगी। दरअसल, चमोली जिला प्रशासन को औली में ऐसी सरकारी समतल जमीन नहीं मिल रही, जहां हेलीपैड बनाया जा सके। सेना ने सरकार को जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
सीएसडी डिपो दून में नियो मेट्रो के स्टेशन के लिए ईसी रोड पर सेना के डिपो की जमीन चुनी गई है। इसके लिए भी सेना से आग्रह किया गया। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने कहा-आराघर के पास स्टेशन बनाने को सेना की कैंटीन डिपो की भूमि चिह्नित की गई है। सेना को इसके बदले दूसरी जगह जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी। सेना ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।
छावनी क्षेत्रों में आम लोगों को न हो परेशानी कांफ्रेंस में सरकार ने सेना के अफसरों के समक्ष छावनी क्षेत्रों में सिविलियन को होने वाली समस्याएं भी बताईं। बताया गया कि छावनी क्षेत्रों में सेना के अफसरों के निर्देश पर अक्सर ऐसे रास्तों पर भी आवाजाही रोक दी जाती है,जो आम रास्ते हैं। अचानक ये रास्ते बंद होने से आस-पास में रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
सरकार ने सेना के अफसरों से रानीखेत में गोल्फ ग्राउंड के रास्ते को शाम को भी खुले रखने का आग्रह किया। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंदबर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, विनोद कुमार सुमन और उत्तराखंड सब एरिया के मेजर जनरल संजीव खत्री समेत सेना के कई अफसर मौजूद रहे।
प्रशासन व सैन्य अफसर करेंगे संयुक्त सर्वे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिन छावनी क्षेत्रों में आम लोगों के समक्ष आवाजाही के दौरान दिक्कतें आती हैं। वहां संबंधित जिला प्रशासन व सैन्य अफसर संयुक्त रूप से सर्वे करेंगे। उन्होंने तीन हफ्ते के भीतर शासन को यह रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा, ताकि संबंधित समस्याओं को हल निकाला जा सके।
सेना और राज्य सरकार सुधारीकरण का काम मिलकर करेंगे। सेना हमारा गौरव है। उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है, इसलिए जहां भी सेना के सामने कोई दिक्कत आएंगी, उसका हल निकाला जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में रास्तों के निर्माण में वन भूमि के चलते जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, उन्हें जल्द दूर किया जाएगा। कुछ मामलों का हल वन मंत्रालय के स्तर से निकाला जाएगा।
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