बुलंद आवाज़ न्यूज
Dehradun
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ग्यारह अप्रैल को सुबह ग्यारह बजे स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना देंगे।
धरने व बैठक के लिए पौड़ी से 20, नैनीताल से 10, रुद्रप्रयाग से 12,उत्तरकाशी से 12,हल्द्वानी से 6 , चम्पावत से ऋषिकेश 10, मसूरी से 10,चमोली से 8, कोटद्वार बेस चिकित्सालय से 4, बागेश्वर से 6, ऊधम सिंह नगर से 6,हरिद्वार से 17,अल्मोड़ा से 10, नरेंद्रनगर से 7, टिहरी से 16, रुड़की से 10 तथा देहरादून तथा ऋषिकेश से 30 चिकित्सकों ने अभी तक प्रतिभाग करने की सहमति दे दी है ।
DPC और SDACP आंशिक रूप से कर दी गई (बहुत से चिकित्सक अभी भी पदोन्नति के इंतज़ार में बैठे हैं और इंतज़ार लंबा ही होता जा रहा है , SDACP में कुछ चिकित्सकों को शिथिलीकरण का लाभ दिया जाना था मगर वो पिछले कई माह से लटका ही हुआ है अजीब सा किया आपने दिया भी पर पूरा ना देकर कुछ रोक लिया ), हमारी हालत भी ऐसी रही कि मिला तो पर मजा नहीं आया।
हमारी तीन प्रमुख मांगे पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर पूर्ण वेतन का पचास प्रतिशत पर्वतीय भत्ता अनुमान्य करना(MBBS तथा BDS को भी पूर्व की भांति दुर्गम भत्ते की व्यवस्था करना), अल्मोड़ा टिहरी नैनीताल और मसूरी को पूर्व की भांति सुगम से पुनः दुर्गम घोषित करना (जिस में सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ रहा) तथा SDACP में चिकित्सकों को अनिवार्य पर्वतीय सेवा में एक बार शिथिलीकरण दिया जाना जो कि लगातार दिया जाता रहा है तथा पिछले चार बार के SDACP के शासनादेशों में 160 से भी ज़्यादा चिकित्सकों को दिया जा चुका है।
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