इस साल कैसी रहेगी बद्रीनाथ यात्रा “घृत कंबल” से मिलता है संकेत! जानकारों ने बताए खास रहस्य

बुलंद आवाज़ न्यूज 

चमोली: उत्तराखंड के चार धामों में से एक धाम चमोली जिले में स्थित वैकुंठ धाम बद्रीनाथ (Badrinath Dham) के कपाट आज सुबह 6 बजे पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुल गए हैं जिसके साक्षी हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु बने लेकिन क्या आपको पता है? कि धाम के कपाट खुलने और बंद होने में घृत यानि घी का खास महत्व है उसका कारण भगवान नारायण को 6 माह के लिए कंबल में लपेटकर रखा जाना है. जब कपाट खुलते हैं और कंबल पर लगाया घी ज्यों का त्यों दिखाई देता है तो उसे शुभ संकेत माना जाता है. यहां तक धाम में यात्रा सालभर कैसे चलेगी इसका अंदाजा लगाया जाता है.

बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल बताते हैं कि कपाट बंद होने के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा पर घी का लेप करके उसे कंबल से ढक दिया जाता है. इस कंबल को माणा गांव की बालिकाएं एक दिन में तैयार करके देती हैं. मुख्य पुजारी (रावल) भगवान के गात (शरीर) पर घी वाले कंबल का लेप करते हैं, जिसे घृत कंबल कहा जाता है. कपाट खुलने के दिन इसी घृत कंबल को प्रसाद रूप में भक्तों को दिया जाता है. वहीं मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल बताते हैं कि घृत कंबल पर जब कपाट खुलने के बाद घी ताजा दिखाई देता है, तो उसका मतलब है कि देश में खुशहाली रहेगी और चारधाम यात्रा अच्छी चलेगी. आगे बताते हैं कि बर्फ में ढके रहने और ठंड के बावजूद घी सूखता नहीं है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं होता है.

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