नवरात्रि में भी नहीं रखा खुद की मां का मान, 72 घंटे मर्चरी में रहने के बाद खाकी ने किया अंतिम संस्कार

बुलंद आवाज़ न्यूज
चमोली
चमोली पुलिस की 75 वर्षीय अम्मा पिछले 10- 12 साल से गोपेश्वर शहर में रहती थी, वह शहर में कहा रहती थी इसका तो किसी को पता नहीं है लेकिन चमोली पुलिस बताती है कि अक्सर वें चलती फिरती ही दिखाई देती थी. उनके पास एक छोला (बैग) होता था जिसे वें कंधे पर लटकाए चाय पत्ती बेचा करती थी. उसी छोले में उनके कपड़े भी होते थे और अक्सर भूख लगने पर वें पुलिस कैंटीन में खाने खाने आ जाया करती थी, जिसके बाद से कैंटीन में मौजूद कर्मचारियों से खूब हंसी ठिठौली कर वें चली जाती थी. लेकिन अचानक उनकी तबियत खराब हुई और कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई लेकिन बावजूद इसके उन्हें कंधा देने वाला तक उनके परिवार जन कोई तैयार ही नहीं हुआ. जिसके बाद पुलिस ने बेटे का फर्ज निभाया.
बताती है कि पिछले कुछ महीने से तबियत खराब होने के कारण गोपेश्वर में चाय पत्ती बेचकर अपना गुजर- बसर करने वाली पुलिस की अम्मा (पुष्पा देवी पत्नी स्वर्गीय नारायण सिंह उम्र 75 वर्ष) जो उपचार के लिए जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में एडमिट थी, जिसके बाद 14 तारीख को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा दिया. क्योंकि वें अनाश्रित थी इसलिए उनके शव को 72 घंटे मोर्चरी जिला चिकित्सालय फ्रीज़र में रखवाया गया. उनके सगे-संबंधियों की जानकारी ली गई, जिला नियंत्रण कक्ष के माध्यम से आर०जी० भी कराई गई लेकिन कोई भी सगे-संबंधी सामने नहीं आए जिसके कारण थाना गोपेश्वर के जवानों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अम्मा के शव न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि हिन्दू रीति-रिवाजों व पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार कर नम आंखों से विदाई दी.

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