शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान तुंगनाथ के कपाट

बुलंद आवाज़ न्यूज़

पंच केदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट सुबह 11:30 बजे शीतकाल हेतु विधि विधान से बंद हो गए हैं कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ जी के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया।

प्रातः 9:00 बजे से ही कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु जन मौजूद रहे। तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान हुई मंदिर की परिक्रमा के पश्चात प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया जहां पर भगवान तुंगनाथ जी की डोली का भव्य रूप से स्वागत हुआ और आज देव डोली रात्रि विश्राम चोपता में करेगी।

9 नवंबर को प्रातः देव डोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमाथ पहुंच जाएगी।

श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश कौर ने बताया कि इस वर्ष 26750 से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा तुंगनाथ के दर्शन किए।

कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव मंदिर समिति मुख्य कार्य अधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर प्रबंधक बलवीर नेगी, पति राम प्रसाद नैथानी ,चंद्रमोहन वजवान, पुजारी अतुल, रविंद्र , अजय आदि मौजूद रहे।

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