जोशीमठ। एक ओर सरकार खेलों को बढ़ावा देने की बात करती है। लेकिन उत्तराखंड के कई जिलों व नगरों मे स्टेडियम तक नही है। ऐसे मे दूरस्थ इलाको के खिलाड़ी आखिर अपनी प्रतिभा कैसे दिखा सकेंगे। ये बड़ा प्रश्न है।
विकासखंड जोशीमठ मे अभी तक एक भी स्टेडियम नही हैं। काफी संघर्षो बाद रविग्राम मे एक खेल मैदान जोशीमठ के लोगो को मिला लेकिन इस खेल मैदान मे बड़े खेल हो पाना संभव नही है। इस खेल मैदान को स्टेडियम बनाये जाने की जरूरत है। लेकिन स्टेडियम बनाने के लिये वित्त की समस्या आड़े आ रही है। इस पर सरकार को गंभीरता से सोचने तथा इस पर कार्य करने की जरूरत है। जोशीमठ मे कई प्रतिभावान खिलाड़ी है। लेकिन स्टेडियम की कमी के चलते यहाँ के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा नही दिखा पाते तथा उनकी प्रतिभा यही दब जाती है। जिससे यहां के खिलाड़ियों का मनोबल टूट जाता है। जोशीमठ खेल मैदान के लिये युवाओ ने काफी संघर्ष किया। जिसके बाद जोशीमठ को रविग्राम मे एक छोटा खेल मैदान मिला लेकिन इस खेल मैदान को स्टेडियम मे तब्दील किये जाने की आवश्यकता है। जिससे यहाँ के युवा खिलाड़ी उभरकर जिले, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा बिखेर सके। जनप्रतिनिधियों को केवल चुनाव के वक़्त से सब मुद्दा दिखाई देता है। चुनाव जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि को ये सब दिखाई नही देता है।
यहाँ के युवाओ मे प्रतिभाओं की कमी नही है। लेकिन युवाओ के लिये खेल के लिये संसाधनों की कमी है। सबसे पहले यहाँ स्टेडियम होना चाहिये जिससे यहाँ के युवा अभ्यास कर राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय खेलो मे अपना परचम लहरा सके।
समीर डिमरी
अध्यक्ष युवा खेल समिति
जोशीमठ मे एक स्टेडियम बनाया जाना चाहिये जिससे यहाँ के युवा दूसरे राज्यो मे खेल कर अपना व अपने नगर का नाम रोशन कर सके।
ललित थपलियाल
स्थानीय
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