उत्तराखंड में मौसम की हो रही है सीजनल शिफ्टिंग

बुलंद आवाज़ न्यूज़

देहरादून

मानसून की विदाई से पहले उत्तराखंड में अक्तूबर के 15 दिनों में ही सामान्य से 20 गुना ज्यादा बारिश दर्ज की गई। ये बेमौसमी बारिश वैज्ञानिकों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। पिछले साल भी अक्तूबर की आपदा ने बारिश के कई रिकॉर्ड तोड़े थे। वैज्ञानिक तेजी से हो रहे इस जलवायु परिवर्तन को सीजनल शिफ्टिंग बता रहे हैं।

आमतौर पर जून से सितंबर तक ही मानसून काल माना जाता है। इस अवधि में देश में जमकर बारिश होती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से मौसम चक्र गड़बड़ाने लगा है। इसी का नतीजा है कि राज्य में पिछले साल अक्तूबर में भयंकर आपदा आई थी। इस साल भी अक्तूबर में अतिवृष्टि ने खूब नुकसान पहुंचाया है।

सामान्य वर्षों के अक्तूबर के मुकाबले इस बार उत्तराखंड के कई जिलों में अक्तूबर के 15 दिनों में 20 गुना तक अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। मानसून की विदाई से पहले अक्तूबर में नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में सर्वाधिक क्रमश: 253.2 मिमी और 245.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। ये सामान्य से करीब दस गुना ज्यादा है।

अक्तूबर में गढ़वाल मंडल के सात जिलों में जहां औसतन 52 मिमी बारिश हुई, वहीं कुमाऊं के छह जिलों में औसतन 202 मिमी बारिश हुई। यानि मानसून की विदाई से पहले गढ़वाल से चार गुना अधिक बारिश कुमाऊं में हुई। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि बेमौसमी बारिश और अत्यधिक गर्मी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

जाड़ों में पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड

वैज्ञानिकों का मानना कि सीजनल शिफ्टिंग की वजह से आगे सर्दियों में हाड़तोड़ ठंड पड़ सकती है और गर्मियां लोगों के पसीने छुड़ा देंगी। सीजन से पहले ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सीजनल शिफ्टिंग के कारण ऐसा हो रहा है।

राज्य में अक्तूबर में हुई बारिश पर एक नजर

जिला बारिश मिमी में सामान्य बारिश

अल्मोड़ा 164.1 13.6

बागेश्वर 169.8 13.6

चमोली 93.1 10.8

चम्पावत 210.2 31.4

देहरादून 67.0 23.4

पौड़ी 39.1 12.8

टिहरी 28.8 13.7

हरिद्वार 57.8 12.7

नैनीताल 253.2 26.9

पिथौरागढ़ 175.9 35.8

रुद्रप्रयाग 31.5 14.4

यूएस नगर 245.7 26.0

उत्तरकाशी 49.4 29.1 (स्रोत: आंकड़े आईएमडी की वेबसाइट से)

जलवायु परिवर्तन से सीजनल शिफ्टिंग का दौर शुरू हो गया है। इसी का नतीजा है कि गैर सीजन में बारिश हो रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में समय से पहले बर्फबारी हो रही है। मौसम चक्र में बदलाव के चलते जाड़ों में बेहद ठंड और गर्मियों में अत्यंत गर्मी पड़ने की संभावना है।

डॉ.जेसी कुनियाल, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण आकलन परिवर्तन केंद्र, जीबी पंत संस्थान, अल्मोड़ा।

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