नहीं रहे एक दूरदर्शी सोच और पहाड़ के सच्चे हितैषी

बुलंद आवाज़

बदरी-केदार के कद्दावर नेता केदार सिंह फोनिया  का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके निधन से बदरी केदार के एक राजनीतिक युग का भी अंत हो गया है। केदार सिंह फोनिया  के निधन से बदरी केदार क्षेत्र में बहुमुखी प्रतिभा के धनी, दूरदर्शी सोच और पहाड के सच्चे हितैषी व्यक्तित्व को सदा के लिए खो दिया है। उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं की दूरदर्शी सोच को धरातल पर साकार करने का श्रेय सही मायनों में केदार सिंह फोनिया  को जाता है। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर औली को पहचान दिलाकर उत्तराखंड में पर्यटन के रास्ते खोले । औली में रज्जू मार्ग से लेकर पर्यटन से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को उन्होने अमलीजामा पहनाया था। बदरी-केदार घाटी को सडको से जोडने का श्रेय भी उनको जाता है।

गौरतलब है कि सीमांत जनपद चमोली की नीती घाटी के सरहदी गाँव गमशाली में केदार सिंह फोनिया  का जन्म हुआ था। मृदुभाषी, मिलनसार और सरल व्यक्तित्व के धनी केदार सिंह फोनिया  अभिवाजित उत्तर प्रदेश की बदरी-केदार विधानसभा से विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में पर्यटन एंव संस्कृति मंत्री रहे तथा पृथक राज्य निर्माण के पश्चात उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में पर्यटन एंव उद्योग मंत्री रहे। 2007 में वे बद्रीनाथ सभा से विधायक चुने गये थे। केदार सिंह फोनिया  के निधन से बदरी-केदार को अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी कमी सदा खलती रहेगी।

संजय चौहान की वॉल से

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